मेरे वचनों को एक शिक्षा के रूप में न लो । वे हमेशा क्रियाशील क्ति होते हैं जिन्हें एक निश्चित उद्देश्य के साथ कहा जाता है और उन्हें उस उद्देश्य से अलग कर दिया जाये तो वे अपनी सच्ची क्ति खो बैठते हैं ।

--श्रीमां